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Monday 11 February 2019

'लोकतंत्र की परिभाषा'


 'लोकतंत्र की परिभाषा'
लोकतंत्र की यह परिभाषा है
सत्ता में जो आता और जाता है
प्रजातंत्र के नाम पर
अपनी सरकार बनाता है
केवल अपनी सत्ता के लालच में
वह जनता को भरमाता है
जो शासन था कल तक जनवादी
अब वह धनवादी कहलाता है;
प्रजातंत्र के नाम पर
अब देखो कैसा खेल चलाया है
हर दम ही देखो जनता को
सत्ता के लालच ने छलाया है
जो कल तक थे अपराधी
अब देखो नेता बन के खड़े है;
वाह! प्रजातंत्र का क्या हाल है?
प्रजातंत्र के देश में प्रजा ही बेहाल है
जिस प्रजातंत्र की थी बात रंग-बिरंगी
हिन्दु-मुस्लिम थे जिसमें संगी
वोट बैंक के नाम पर
अब वो देखो बन गए दंगी;
प्रजातंत्र के नाम पर
अब देखो कैसा तंत्र चला है?
नेता ने नेता से सत्ता पाने को
प्रजातंत्र के नाम का युद्ध लडा़ है
जो कल तक था जनता का
अब सत्ता पाकर मुँह फैर खडा़ है;
जिसको पाने की ख़ातिर
जनता ने खून बहाया था
तब जाकर इस
प्रजातंत्र को पाया था
कल तक गैरो ने था लुटा जिसको
अब अपनो ने ही उसको लुटाया है;
प्रजातंत्र में देखो अब
कैसा मौका आया है?
अपने ही शासन में अब हमने
अपनों से धौखा खाया है;
अब तो जनता का है
 बस इतना कहना
अब बन्ध करो,अब बन्ध करो
प्रजातंत्र के नाम पर
जनता को मत तंग करो।






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